CENTRAL KYC REGISTRY New Rule : दोस्तों हम आज के इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बात करने वाला है। जो कि आप लोगों को बता दे कि आप लोग को अब केवाईसी प्रक्रिया को लेकर राहत वक्त तरीका प्राप्त होने वाला है। यह आप लोग सही बात सुन पा रहे हैं। साथ ही साथ आप लोगों को बताना चाहते हैं कि बैंक तथा बीमा एवं कंपनी और म्युचुअल फंड्स एवं अन्य वितीय संस्था में KYC (Know Your Customer) को बार-बार अपडेट करने से झंझट होता है।
और काफी ज्यादा समय भी लगता है। और हर साल किसी भी नाय काम के लिए केवाईसी करना पड़ता है। जिसके कारण बहुत सारे परेशानी होता है। और काम भी बहुत सारा रुक जाता है।
तो आप इस समस्या का समाधान लाने के लिए भारत सरकार के द्वारा एक नई घोषणा किया गया है। जो कि आप लोग को बता दे कि भारत सरकार के द्वारा CENTRAL KYC REGISTRY New Rule (Central KYC Registry) की शुरुआत कर दिया गया है। जो कि यह केवाईसी प्रक्रिया को सुगम तथा एक बार के लिए समाप्त करने वाला है। तो चलिए इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से नीचे जानने का प्रयास करते हैं।
आख़िर केंद्रीय KYC रजिस्ट्री क्यों है जरूरी ?
CENTRAL KYC REGISTRY New Rule के अंतर्गत आखिर केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री क्यों जरूरी है? इसकी यदि चर्चा की जाए तो हम आप लोग को यहां पर बता दें कि बैंक अकाउंट तथा बीमा पॉलिसी एवं म्युचुअल फंड या कोई अन्य वित्तीय कार्य के लिए KYC अपडेट करना जरूरी है। बार-बार यह अपडेट करने से काफी समस्या होता है। और समय भी काफी ज्यादा लगता है तो अब आपको बार-बार दस्तावेज का सत्यापन ना करना पड़ेग।
क्योंकि केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री के द्वारा सारी प्रक्रिया एक बार में हो जाएगा। और एक बार केवाईसी हो जाने के बाद आप लोगों को किसी भी संस्था में पुनः दस्तावेज नहीं देने होंगे। यह इसलिए क्योंकि केंद्रीय KYC रजिस्ट्रेशन के बाद सभी सिस्टम में केवाईसी अपडेट हो जाएगा।
केंद्रीय KYC रजिस्ट्री? कैसे कार्य करेगा?
CENTRAL KYC REGISTRY New Rule के अंतर्गत आप लोग को यहां पर जानकारी बताना चाहते हैं कि वित्तीय संस्था में आप अपना खाता खोलने के लिए क्या किसी का लाभ प्राप्त करने के लिए जाते हैं। तो केवाईसी डाटा को केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री से लिंक अब किया जाएगा। जो कि इसके तहत आपके द्वारा दी गई जानकारी 100% सुरक्षित रहेगा और सभी संबंधित संस्थाओं के साथ बिना किसी भी परेशानी का साझा भी की जाएगी।
जो कि इसके पश्चात केवाईसी को पुनः वित्तीय संस्था को अपडेट नहीं करना होगा। क्योंकि पहले से ही पूर्ण जानकारी मौजूद रहेगा और केवाईसी डीटेल्स डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखा जाएगा जिसका एक्सेस आपको एवं संस्थाओं को ओटीपी के जरिए मिल जाएगा।
केंद्रीय KYC रजिस्ट्री के फायदे
- बार-बार केवाईसी के झंझट से छुटकारा मिलने वाला है जिसके कारण आप लोगों का काफी ज्यादा समय का बचत होगा।
- केंद्रीय केवाईसी जो है वह डिजिटल है इसके कारण डेटा की सुरक्षा भी बढ़ने वाला है और सभी जानकारी डिजिटल रूप में सुरक्षित रहने वाला है और आप सभी लोग डिजिलॉकर जैसे प्लेटफार्म पर आसानी से इसे सुरक्षित खुद से रख सकते हैं।
- आप लोगों को अब बार-बार डॉक्यूमेंट अपडेट करने का चिंता भी नहीं रहने वाला है।
- संपूर्ण वित्तीय क्षेत्र में आप उपयोग आसानी से कर पाएंगे।
- और केंद्रीय केवाईसी अपडेट जैसे ही हो जाएगा तो सभी संस्थाओं में यह अपने आप ही अपडेट हो जाएगा।
KYC दस्तावेज़ तथा डिजिलॉकर का उपयोग
CENTRAL KYC REGISTRY New Rule के अंतर्गत आप लोगों को बताते हैं कि डिजिलॉकर का उपयोग केंद्रीय कृषि रजिस्ट्री का एक महत्वपूर्ण पहल है। आप सभी केवाईसी दस्तावेज को डिजीलॉकर में आसानी से सुरक्षित रख सकते हैं और महतवाऊर्न दस्तावेज को आप सभी सुरक्षित रख पाएंगे।
सबसे बड़ा फायदा आप लोगों को किसी संस्थान से केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा जाएगा तो डिजिलॉकर से अपने दस्तावेज को आसानी से आप डाउनलोड कर पाएंगे और डॉक्यूमेंट दे पाएंगे तथा ओटीपी के सहायता से अपनी पहचान को प्रमाणित करना होगा जिससे की पूरी सुरक्षित रहेगा।
वित्तीय संस्थानों के लिए क्या होगा बदलाव?
वितिये संस्था के लिए केंद्रीय कृषि रजिस्ट्री एक बहुत बड़ा रहता है। अब सभी ग्राहकों की KYC, दस्तावेज की जांच तथा सत्यापन हेतु पैसा और समय नहीं गवाना पड़ेगा। इसके कारण कार्य क्षमता बढ़ने वाला है और ग्राहक की सेवा में भी सुधार होने वाला है।